डोंगरगढ़– शासकीय जमीनों की अवैध खरीदी बिक्री, सिंचाई विभाग ने थाने में की शिकायत।

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जय राम????जय जोहार साथियों

????भू माफियाओं द्वारा जलाशय के डुबान क्षेत्र की मुआवजा प्राप्त जमीन की अवैध खरीदी बिक्री के खिलाफ प्रशासन ने कसी कमर।

????डोंगरगढ़ विकासखंड के अछोली जलाशय में डूबान क्षेत्र की भूमि के बदले 1979–80 में भूमि स्वामी को मुआवजा देने के पश्चात भू अर्जन नियम के तहत् जल संसाधन विभाग के स्वामित्व में आ चुकी जमीन के वर्तमान वारिसों ने धोखाधड़ी पूर्वक मुआवजा प्राप्त जमीन को अपनी बताकर अवैध रूप से विक्रय कर दिया गया।
जिस पर जल संसाधन विभाग ने संज्ञान लेते हुए आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु डोंगरगढ़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

????ऐसे में सवाल उठता है कि 1970 में अछोली डैम निर्माण के दौरान प्रशासन द्वारा पानी निस्तार के लिए बड़ा तालाब डुबान क्षेत्र के प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा 1978–79 में दिया गया था इसके बावजूद राजस्व विभाग के द्वारा अब तक अधिग्रहित भूमि को किसानों के नाम से हटाकर शासकीय दस्तावेज में शासकीय नाम स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया?
????राजस्व विभाग के इस विफलता का फायदा भू-माफियाओं ने इस तरह उठाया की वर्ष 2022-23 में मुआवजा प्राप्त कर चुके किसानों के वारिसों से मिलीभगत कर जल संसाधन विभाग की भूमि को फर्जी तरीके से खरीद लिया गया और बेचने के इरादे से रजिस्ट्री भी कर ली गई।

????इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब जल संसाधन विभाग द्वारा अछोली डेम की संपूर्ण भूमि का सीमांकन कराया गया। भू-माफियाओं द्वारा किसानों तथा प्रशासन को गुमराह करते हुए जिन जमीनों का रजिस्ट्री कराया गया है वह संपूर्ण भूमि जल संसाधन विभाग के स्वामित्व वाली शासकीय भूमि है।

????वर्तमान समय में निम्नलिखित उत्तराधिकारी उक्त जमीन पर हैं (1) खसरा नंबर 255/1 विक्रय रकबा 0.33 एकड़ जो चेतन दास / पिता दया दास साहू (2) खसरा नंबर 256 विक्रय रकबा 1.21 एकड़ जो विवेक दास /पिता रामदास साहू (3). खसरा नंबर 259 विक्रय रकबा 0.30 एकड़ जो फिरंगी राम/ पिता ठाकुर राम (4) खसरा नंबर 260 विक्री रकबा 0.53 एकड़ जो मीना बाई उर्फ लताबाई/ पिता विश्वनाथ यादव , रेखा बाई पिता/ विश्वनाथ यादव द्वारा विक्रय कर दिया गया है। जिसकी रिकॉर्ड की छाया प्रति पुलिस रिपोर्ट में संलग्न किया गया है। नियमतः भू-अर्जन होने के पश्चात उक्त भूमि दिनांक 1979-80 से जल संसाधन विभाग की स्वामित्व वाली सरकारी भूमि हो गई थी। परंतु पूर्व भूमि स्वामियों ने जल संसाधन विभाग से पूर्ण मुआवजा लेने के बावजूद प्रशासन को गुमराह करते हुए कि उक्त भूमि के स्वामी वही है, ऐसा दर्शाते हुए भिन्न-भिन्न किसानों ने एक ही व्यक्ति रोशन यादव / पिता मोहन यादव को अवैध तरीके से शासकीय जमीन बेचते हुए फर्जी रजिस्ट्री करवाई इस पूरे मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए सिंचाई विभाग द्वारा पुलिस प्रशासन को F.I.R हेतु पत्र लिखा गया है। विभागीय पत्र में कहा गया है कि शासन को क्षति पहुंचाने के मकसद से यह सारी घटना को अंजाम दिया गया है। अतः आरोपियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाए।

डीजी न्यूज़ डोंगरगढ़
सम्पादक–विमल अग्रवाल

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