



जय राम????जय जोहार साथियों
????धर्मनगरी डोंगरगढ़ सहित संपूर्ण जिले में सायबर सेल की भूमिका पर लगा प्रश्नचिन्ह?
????भारत के हर राज्य में सायबर अपराधों की रोकथाम के लिए सायबर सेल कार्यरत है। मोबाइल, इंटरनेट अर्थात् सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े अपराधों की जांच सायबर सेल करती है।
????छतीसगढ़ में भी सायबर सेल ने कम समय में बड़े बड़े मामलों को सुलझाया है। लेकिन जब कोई संस्था या एजेंसी अपने कार्य क्षेत्र से परे हटकर सत्ताधारी दल के किसी नेता के दबाव में कार्य करती है तो निस्संदेह उसकी कार्यप्रणाली पर उंगली उठाई जाती है।
????ताजा मामला राजनांदगांव/ केसीजी जिला अंतर्गत आने वाले थाना, चौंकी क्षेत्र में लगातार हत्या,बलात्कार, चोरी, डकैती, लूटपाट जैसी कई घटनाएं घटित हो रही है लेकिन सायबर सेल इन घटनाओं से जुड़े मामलों को सुलझाने के बजाय शराब कोचियों के पिछे पड़ी है। सूत्रों से पता चला है कि सत्ताधारी दल से जुड़े बड़े शराब माफिया अपनी पहुंच और पॉवर के दम पर सायबर सेल का दुरुपयोग कर रहे हैं। जबकि जिले में सायबर अपराधों से संबंधित कई मामले अनसुलझे हैं।
????विदित रहे कि 3 मई को मोहारा चौंकी अंतर्गत ग्राम बिजनापुर में युवती की संदेहास्पद परिस्थितियों में मिले शव की शिनाख्त घटना के 22 दिन बाद भी नहीं हो पाई है। आरोपीयों की पहचान तो बहुत दूर है।
????सायबर सेल का कार्य यदि तस्करी रोकना ही है तो गौतस्करी, इमारती लकड़ियों की तस्करी, बेशकीमती खनिजों की तस्करी में भूमिका शून्य क्यों है? या फिर ये माना जाए कि आज भी एजेंसियों में कार्यों का विभाजन सही ढंग से नहीं हुआ है?
????सवाल यह भी उठता है कि जब शराब कोचियों को पकड़ने का काम भी सायबर सेल को करना पड़ रहा है तो आबकारी विभाग का क्या काम है?
विमल अग्रवाल
संपादक– डीजी न्यूज डोंगरगढ़