



जय राम🙏जय जोहार साथियों
🔷स्कूल समय में खतरे की घंटी.. बेलगाम रफ्तार और भारी वाहनों से मासूमों की जान जोखिम में।
🔴डोंगरगढ़- धर्मनगरी की सड़कें इन दिनों स्कूली बच्चों के लिए मौत का जाल बन गई है। स्कूल खुलने और बंद होने के समय, जब नन्हे-मुन्ने घर से निकलते या लौटते हैं तो सड़कों पर भारी वाहनों की बेतहाशा दौड़ और युवाओं द्वारा ट्रिपल सीट पर तेज रफ्तार में दोपहिया वाहन चलाना एक जानलेवा दृश्य प्रस्तुत कर रहा है।
आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं से भारी जनाक्रोश और क्षेत्रीय विधायक द्वारा अपने समर्थकों के साथ लोक निर्माण विभाग डोंगरगढ़ का घेराव करने के बाद स्पीड ब्रेकर का निर्माण और मुख्य चौंक चौराहे को चिन्हित कर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई। विभाग द्वारा नियमों को ताक पर रखकर आनन फानन में स्पीड ब्रेकर बनाया गया जिससे सुरक्षा होने के स्थान पर वो स्पीड ब्रेकर ही जानलेवा साबित हो रहे हैं। वहीं सड़क पर सिर्फ दो ट्रैफिक कांस्टेबल हैं जो केवल दर्शक बने हुए हैं। उन्हें नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने तक का अधिकार नहीं है। नतीजा यह है कि हर दिन दर्जनों युवा तीन सवारी बैठाकर, हवा से बातें करते हुए सड़कों पर दौड़ते हैं और भारी वाहन बेधड़क स्कूल समय में भी अपनी रफ्तार बनाए रखते हैं। एक पालक ने डीजी न्यूज़ से चर्चा में बताया कि यह स्थिति हमारे बच्चों के मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन है, उन्हें सुरक्षित माहौल में जीने और पढ़ने का अधिकार है। जिला प्रशासन और पुलिस की यह निष्क्रियता चिंताजनक है। क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार है, जब कोई मासूम बच्चा इन बेलगाम वाहनों का शिकार हो जाए?
🔴चर्चा में पालकों ने बताया कि इस सबके बावजूद, हम जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारी के प्रयासों की सराहना करते हैं और उनसे विनम्र निवेदन करते हैं कि वे इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लें। पालकों ने कहा कि भारी वाहनों के लिए बाईपास की नितांत आवश्यकता है और बाईपास के निर्माण तक तात्कालिक रूप से स्कूल समय में भारी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए और तेज रफ्तार व तीन सवारी वाले दोपहिया वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। हमारे बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए हर संभव कदम उठाना प्रशासन का कर्तव्य है। हमें उम्मीद है कि इस बार हमारी पुकार सुनी जाएगी और हमारे नौनिहालों को सुरक्षित सड़कें मिलेंगी।
पालक संघ, डोंगरगढ़
डीजी न्यूज़ डोंगरगढ़
संपादक-विमल अग्रवाल
*रिंग रोड/बाय पास की आवश्यकता*
खैरागढ़ मार्ग से डोंगरगढ़ में बड़ी बसों व ट्रकों की आवाजाही बहुत ही अधिक है। अधिकांशतः जिनको डोंगरगढ़ में रुकना भी नही होता है।
इस मार्ग पर बहुत से स्कूल है जिस कारण कई बच्चे इस मार्ग से गुजरते हैं।
चोटी मोटी गिरने टकराने की घटना तो होती ही रहती हैं। कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती हैं।
इसलिए *इन बड़े वाहनों के लिए बाय पास/रिंग रोड बना कर इन्हे डोंगरगढ़ में प्रवेश करने से रोक कर शहर का विकास किया जाना चाहिए*