डोंगरगढ़- श्रीमद्भागवत साक्षात् मोक्ष स्वरूप है-पं.मनोज शर्मा

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जय राम????जय जोहार साथियों

श्रीमद्भागवत साक्षात मोक्ष स्वरुप है।

17__25 दिसंबर, स्थान, एक बत्ती पांच रास्ता डोंगरगढ़

कथा व्यास- पं मनोज शर्मा अध्यात्मवेत्ता भंडारपुर (खैरागढ)

????मानव मात्र को परम सुख व परम शांति अध्यात्म से ही मिल सकती है ,और अध्यात्म का संपूर्ण सार श्रीमद् भागवत कथा ही है।
जीव को परमात्मा से जुड़ने का एकमात्र माध्यम भगवत कथा ही है।
????श्रृंगी ऋषि का श्राप- तक्षक सर्प के डसने पर मृत्यु होगी ऐसा सुनकर राजा परीक्षित चिन्ता छोड़ भगवत चिन्तन का आश्रय लिया, सद्गुरु भगवान श्री शुकदेव जी द्वारा भगवत्कृपा स्वरूप भागवत कथा श्रवण कर भगवत्गति को प्राप्त किया।
????भगवत कथा का भुल उद्देश्य-“पिबत भागवतं समालयं” है,
अर्थात जब तक शरीर में चेतना है भगवत रस का पान करते रहो।
भागवत कथा मे विभिन्न कथा प्रसंगों के माध्यम से ज्ञान, भक्ति, वैराग्य मनुष्य को प्राप्त होता है, क्योंकि मनुष्य के पास जीवन तो है परंतु जीवन जीने की कला नहीं है। भागवत कथा मनुष्य को जीवन को जीना सिखाती है।
????प्रह्लाद कथा प्रसंग में हरि सर्व भुतेषु के अनुसार भक्त प्रह्लाद को खंभे में भगवत दर्शन मिला, परंतु हिरण्यकषिपु को दर्शन नहीं हुआ, तात्पर्य यह है कि प्रह्लाद जैसे भक्ति की दृष्टि रहेगी तो हर वस्तु में भगवत दर्शन होगा। अहंकारी मनुष्य स्वयं को ईश्वर समझता है तो भला उसे ईश्वर कहाँ दिखेगा।
????समुद्र मंथन कथा का वर्णन- उन्होंने कहा कि भक्ति रूपी अमृत पाने के प्रयास में कभी कभी मन रूपी मंदराचल धसने लगता है ।तब आत्मज्ञान के प्रतिक जो जगदाधार हैं वही भगवान कच्छप रूप में आधार देते हैं। समुद्र मंथन में अमृत के पहले विश निकला है,जिसे भगवान शिव ने पान किया,संताप रूपी जहर पीने वाला ही शिव होता है।

????वामन अवतार के बारे में पं.शर्मा ने बताया कि जीवन में जब जब देहाभिमान अहंकार जगता है, ईश्वर सबल हो जाता हैं और जब साधक के जीवन में सत्य,प्रेम,भक्ति,करुणा का भाव जगता है तो वही ईश्वर बालक बनकर कोशिल्या,देवकी,मैया यशोदा के गोद में आकर परम सुख प्रदान करते हैं, ईश्वर सत्य रूप में सर्वव्याप्त है परंतु वही ईश्वर सगुण साकार में सत्य,प्रेम,करुणा के द्वारा प्रकट हो जाते हैं। भगवान की कथा ही जीव मात्र की व्यथा को दुर करती है,
भगवान श्री कृष्ण ही सच्चिदानंद है, जन्मोत्सव ही परमानंद है,
श्रोताओं की अपार भीड़ संगीत मय कथा रसपान करने पहुँच रहे हैं,
आयोजक- तिवारी परिवार, एक बत्ती पांच रास्ता डोंगरगढ़।

विमल अग्रवाल✍संपादक

डी.जी.न्यूज़????डोंगरगढ़

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