डोंगरगढ़–नगर के सबसे प्राचीन विद्यालय के गेट में कचरे का अंबार, स्वच्छ भारत मिशन पर लगा ग्रहण।

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जय राम????जय जोहार साथियों

????डोंगरगढ़ के सबसे प्राचीन विद्यालय के प्रवेश द्वार में कचरे का अंबार।

????प्रशासनिक उदासीनता और नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारीयों कर्मचारियों की मनमानी के चलते ही देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के करकमलों से लोकार्पित नगर का सबसे प्राचीन शिक्षा का मंदिर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आज अपनी दुर्दशा की कहानी खुद बयां कर रहा है।


????नगर के मुख्य मार्ग पर स्थित यह विद्यालय स्वामी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड तो हो गया लेकिन इसका प्रारंभिक प्रवेश द्वार हमेशा बंद रहने के कारण द्वार पर ही आसपास के लोगों द्वारा कूड़ा कचरा डालना शुरू हो गया। ढ़ेर सारा कचरा और उसकी सड़न से फैलती बदबू से विद्यालय आने वाले अभिभावक, छात्र, आम राहगीर, व्यापारी सभी परेशान हैं। प्रवेश द्वार के बाजू में नवनिर्मित सुलभ शौचालय भी गंदगी और कचरे से पट चुका है जिसकी ना तो नियमित सफाई होती है और ना इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान जाता है।
????विद्यालय के प्रवेश द्वार को खुला रखने से लोगों द्वारा कचरा डालना बंद होगा।
????आज शिक्षा के मंदिर की ऐसी हालत “स्वच्छ भारत मिशन” पर ग्रहण लगाने वाली है साथ ही अध्ययनरत छात्रों व मोहल्ले वासियों के लिए बीमारी लाने वाली है।

डीजी न्यूज़ डोंगरगढ़
संपादक–विमल अग्रवाल

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