राजनांदगांव–अंतर्राष्ट्रीय सायबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, दो सायबर ठग डोंगरगढ़,एक राजनांदगांव व एक गुजरात से गिरफ्तार।

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जय राम????जय जोहार साथियों

????राजनांदगांव पुलिस को कंबोडिया से संचालित अंतर्राष्ट्रीय सायबर ठगों के गिरोह का भंडाफोड़ करने में मिली बड़ी सफलता।

????आरोपियों द्वारा भारत से म्यूल बैंक एकाउण्ट लेकर कंबोडिया स्थित स्कैम/कॉल सेंटर भेज कर करते हैं भारतीयों से करोड़ों रूपये की ठगी।

????खाता धारकों से म्यूल बैंक खाता लेकर ठगी की रकम प्राप्त करने कंबोडिया कॉल सेन्टर तक पहुंचाने व म्यूल एकाउण्ट में प्राप्त की गई ठगी की रकम को एक्सचेंज कर वापस कंबोडिया भेजने वाले 03 आरोपी राजनांदगांव पुलिस के गिरफ्त में।

????सायबर सेल राजनांदगांव की टीम द्वारा आरोपी श्रेणिक कुमार सांघवी को गुजरात के वल्साड से लिया हिरासत में। आरोपी श्रेणिक का कंबोडिया कॉल/स्कैम सेंटर में है आना-जाना।

????आरोपी श्रेणिक द्वारा ठगी की रकम को प्राप्त कर हवाला व यू.एस.डी.टी. के माध्यम से कंबोडिया अंतर्राष्ट्रीय चायनीज सायबर ठगों को भेजता था।

????म्यूल एकाउण्ट प्रोवाईडर 02 आरोपियों को राजनांदगांव जिले से किया गया गिरफ्तार।

????धोखाधड़ी, सायबर क्राईम या अन्य अवैध गतिविधियों से कमाया गया धन मनी म्यूल कहलाता है तथा इसमें उपयोग किये गये बैंक खाते को म्यूल एकाउण्ट कहा जाता है।

????खाताधारक अपने बैंक खाता को किराये पर देने, कमीशन पर देने और बेचने का काम करते हैं जिससे सायबर ठग गिरोह के एजेंट कमीशन में लेकर दूर देशों में बैठे सायबर ठग, गेमिंग एप्प, गेम्बलिंग एप्प, फर्जी ट्रेडिंग एप्प एवं विभिन्न प्रकार के सायबर ठगी का काम कर करोड़ों रूपये लोगों से ठगते हैं।
अब म्यूल एकाउंट प्रोवाईडर के साथ साथ खाता धारकों पर भी होगी कार्यवाही।

????आरोपी :-
1- श्रेणिक कुमार सांघवी पिता नरेश भाई सांघवी, निवासी राजारतन अपार्टमेंट कोसाम्बा रोड बिहाइन्ड श्रॉफ चाल वाल्साड, गुजरात।
2- शुभम तिवारी पिता अवधेश तिवारी निवासी रामनगर, जेल रोड़ डोंगरगढ़
3- दीपक नरेडी पिता गणेश नरेड़ी, निवासी ग्राम बसंतपुर, थाना डोंगरगढ़

????दिनांक 23.01.2025 को प्रार्थी रूपेश साहू संचालक च्वाईस सेंटर स्टेशन रोड निवासी लखोली राजनांदगांव ने थाना सिटी कोतवाली राजनांगदगांव में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके बैंक ऑफ बड़ोदा स्थित बैंक खाता में दिनांक 22.12.2024 को राजनांदगांव निवासी आशुतोष शर्मा के द्वारा धोखाधड़ीपूर्वक कहीं से ठगी गई रकम कुल 90000/- रूपये को मंगाने से प्रार्थी का उक्त बैंक खाता फ्रीज हो गया है। प्रार्थी की सूचना पर आरोपी आशुतोष शर्मा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 33/25 धारा 318(4) बीएनएस, 66(सी) आई.टी. एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। वर्तमान में बढ़ रहे सायबर अपराधों में म्यूल बैंक एकाउण्ट के उपयोग को देखते हुए कड़ी कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव मोहित गर्ग के निर्देशन में आरोपियों की तलाश हेतु संयुक्त टीम गठित किया गया। पुलिस टीम द्वारा सर्वप्रथम आरोपी आशुतोष शर्मा से कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया कि श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर निवासी वल्साड गुजरात के कहने पर आरोपी शुभम तिवारी निवासी डोंगरगढ़ व दीपक नरेडी व अन्य साथियों के साथ मिलकर उसके द्वारा प्रार्थी रूपेश साहू स्वयं के, अपने परिवार एवं अन्य परिचितों के बैंक खातों को श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर निवासी वल्साड गुजरात को उपलब्ध कराया है। आरोपी आशुतोष के मेमोरण्डम कथन व निशादेही पर तत्काल सायबर सेल की टीम आरोपी श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर को पकड़ने दिनांक 24.01.2025 को रवाना हुए थे श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर जोकि शतिर ठग है फर्जी नाम, फर्जी मोबाईल नम्बर, फर्जी व्हाट्सएप व फर्जी सिम उपयोग करता है को देखते हुए सायबर की टीम द्वारा श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर को बैंक एकाउण्ट उपलब्ध कराने के बहाने से वल्साड गुजरात से हिरासत में लेकर दिनांक 26.01.2025 को थाना सिटी कोतवाली राजनांदगांव लाकर पुलिस हिरासत में पूछताछ किया गया। आरोपी श्रेणिक सांघवी उर्फ अजय मेहेर ने अपने कथन में बताया कि वह जून माह 2024 में अपने अन्य भारतीय साथियों के साथ कंबोडिया गया था जहां कसीनों में चल रहे कॉल/स्कैम सेंटर विजिट किया था आरोपी श्रेणिक सांघवी के अन्य साथी जोकि पूर्व से कंबोडिया में रहकर अंतर्राष्ट्रीय सायबर ठग गिरोह में चायनीज लोगों के साथ मिलकर भारतीयों के साथ ठगी करते हैं के साथ कंबोडिया में करीब सप्ताह भर रूककर भारतीयों के बैंक खाता लेकर कॉल/स्कैम सेंटर में उपलब्ध कराने का काम किया था जो किसी कारणवश भारत वापस आकर मुम्बई में अपने अन्य साथियों के साथ रहकर पुनः डोंगरगढ़ के शुभम तिवारी, राजनांदगांव के आशुतोष शर्मा, दीपक नरेडी के माध्यम से बैंक खाता, चेकबुक, एटीएम कार्ड, रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर लेकर खाता की जानकारी कंबोडिया स्थित कॉल/स्कैम सेंटर में उपलब्ध कराता था जहां बैठे सायबर ठगों द्वारा भारतीयों से सायबर ठगी की रकम को श्रेणिक के दिये गये बैंक खातों में डलवाते थे उक्त म्यूल बैंक खातों को आरोपी श्रेणिक स्वयं हैण्डल करता था। उन खातों में ठगी की रकम आने पर कंबोडिया के कॉल/स्कैम सेंटर संचालक के कहने पर पुनः नगद, चेक व यू.पी.आई. के माध्यम से विड्रा कर आरोपी श्रेणिक के द्वारा विभिन्न बैंक एकाउण्ट में तथा भारतीय मुद्रा को विभिन्न माध्यमों से क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट कर कंबोडिया चायनीज सायबर ठगों को भेजा करता था। इसके एवज में श्रेणिक को 8 से 9 प्रतिशत तथा आशुतोष वगैरह को 4 प्रतिशत तथा शुभम व दीपक को प्रति एकाउंट के एवज में 35 हजार रूपये तक कमीशन प्राप्त होता था। प्रकरण में उक्त गिरोह द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल करीब 50 बैंक खातों के माध्यम से करीब 10 करोड़ रूपयों के ठगी की रकम का लेनदेन हुआ है जिसकी पुष्टी भारत के गृह मंत्रालय के अधिकृत नेश्नल सायबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल व समन्वय पोर्टल से हुई है। उक्त पोर्टल के माध्यम से संबंधित बैंक खातों का प्रयोग कर देश के विभिन्न हिस्सों से फर्जी इनवेस्टमेंट कम्पनी व शादी डॉट कॉम प्लेटफार्म में फेक प्रोफाईल बनाकर फर्जी कम्पनी में निवेश करने हेतु उकसाना, टास्क कम्पलीट व जॉब के नाम पर करोड़ों की सायबर ठगी होने एवं उसमें शिकायत दर्ज होने की भी जानकारी मिली है। प्रकरण में म्युल बैंक एकाउंट उपलब्ध कराने वाले अन्य आरोपी 1- शुभम तिवारी, तथा 2- दीपक नरेडी को आज दिनांक 31.01.2025 को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में गिरफ्तार उक्त तीनों आरोपियों को आज न्यायालय रिमाण्ड हेतु पेश किया गया हैं। प्रकरण के आरोपी आशुतोष से पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान पायें गये तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर छत्तीसगढ़ के अलावा विभिन्न राज्यों में सक्रिय म्यूल एकाउंट प्रोव्हाईड करने वाले गिरोह की पतासाजी की जा रही है।

????“म्यूल अकाउंट” आमतौर पर धोखाधड़ी और साइबर क्राइम से संबंधित उपयोग किया जाने वाला शब्द है। यह ऐसे बैंक अकाउंट है जिसका उपयोग अपराधी अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर करने या छिपाने के लिए करते हैं।

????कैसे काम करता है म्यूल अकाउंटः–
1) अपराधी किसी व्यक्ति को टारगेट करते हैं, जो जानबूझकर या अनजाने में अपना बैंक अकाउंट इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।
2) अपराधी उस अकाउंट का उपयोग करके धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे को ट्रांसफर करते हैं।
3) पैसे को कई अकाउंट्स में ट्रांसफर किया जाता है ताकि इसे ट्रैक करना मुश्किल हो।

????म्यूल अकाउंट बनने वाले व्यक्ति कौन हो सकते हैं?
1) ऐसे लोग जिन्हें इसकी जानकारी नहीं होती कि उनके अकाउंट का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
2) आर्थिक रूप से कमजोर लोग, जिन्हें लालच देकर फंसाया जाता है।
3) कभी-कभी लोग जानबूझकर भी इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं और अपराधियों की मदद करते हैं।

????इससे बचने के तरीकेः–
1. अनजान लोगों को अपना अकाउंट विवरण न दें।
2. कोई भी संदिग्ध ऑफर या बड़ी रकम का लालच न लें।
3. अपने बैंक अकाउंट की नियमित जांच करें।
4. अगर कोई ऐसा प्रस्ताव मिले, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।

????म्यूल अकाउंट का उपयोग गैरकानूनी होता है, और इसमें शामिल होना या मदद करना भी अपराध है।

????राजनांदगांव पुलिस की अपील :-

आम जनता से अपील है कि किसी के कहने पर अपना बैंक खाता, मोबाईल सिम, चेकबुक, एटीएम कार्ड ना देवें। आरोपियों द्वारा इसका उपयोग सायबर ठगी करने के उपयोग में करते हैं। खाताधारक अपने बैंक खाता को किराये पर देने, कमीशन पर देने और बेचने का काम करते हैं इन बैंक खातों को म्यूल एकाउण्ट कहा जाता है। सायबर ठगों द्वारा इसका उपयोग कर अपने देश में और दूर देशों में बैठ कर गेमिंग एप्प, गेम्बलिंग एप्प, फर्जी ट्रेडिंग एप्प, सेक्सटार्सन, डिजिटल अरेस्ट एवं विभिन्न प्रकार के सायबर ठगी का काम कर करोड़ों रूपये लोगों से ठगते हैं। जिनके नाम से यह बैंक खाता है वह भी सायबर ठगी के अपराधी हैं, इसलिये ऐसे किट/म्यूल एकाउण्ट देने वाले खाताधारक व देश/विदेशों में इन म्यूल एकाउण्ट को प्रोवाईड कराने वालों के विरूद्ध भी अपराध पंजीबद्ध होगा और वे जेल जाने के भागीदार होंगे। इसलिए पुनः लोगों से अपील है कि किसी के कहने पर अपना बैंक खाता, मोबाईल सिम, चेकबुक, एटीएम कार्ड किसी को ना दें।

डीजी न्यूज़ डोंगरगढ़
संपादक–विमल अग्रवाल

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