



जय राम????जय जोहार साथियों
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत रामबालक दास ने विश्व प्रसिद्ध शिवपुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ का विशेष श्रृंगार खुमरी भेंट किया।
बालोद जिले के ग्राम जुंगेरा में आयोजित पंच दिवसीय शिवपुराण कथा हेतु पधारे सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में संत रामबालक दास पहुँचकर ग्रंथ पूजन कर पुष्पहार से पंडित जी का स्वागत किया एवं वनवासियों द्वारा तैयार मुंजमाला व छत्तीसगढ़ का पारंपरिक श्रृंगार खुमरी भी भेंट किया। तत्पश्चात दोनों के मध्य सामाजिक धार्मिक विषयों पर चर्चा भी हुई एवं संत रामबालक दास ने पाटेश्वर धाम की तपोभूमि में शिवपुराण कथा वाचन के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा से आग्रह किया जिसे पंडित जी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आदिवासी समाज के कुलदेवता बूढादेव महादेव शिव के ही स्वरुप हैं एवं बालोद जिला में हो रहा धर्मांतरण चिंता का विषय है।
आदिवासी परंपरा की इस भेंट को पहनकर पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपने कथा में आज कहा बालोद जिला और संपूर्ण छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज को यह जानना चाहिए कि जिसे वह आदिकाल से बुढादेव के नाम से पूजते आ रहे हैं वह साक्षात महादेव के ही रूप है इसलिए किसी अन्य के बहकावे में आकर आदिवासी समाज अपने देवी देवता राम, कृष्ण, दुर्गा, गणेश, शिव की पूजा को ना छोड़े यह धर्मांतरण का जहर है जो समाज को निगल लेगा अतः इस पर सावधानी की आवश्यकता है धर्मांतरण एवं आदिवासी भाई बहनों के हित में कहे गए पंडित प्रदीप मिश्रा जी के इस उद्बोधन का संत श्री रामबालक दास जी ने प्रशंसा किया और 29 अगस्त के समापन की कथा में गौरक्षा के विषय पर प्रकाश डालने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा जी से अनुरोध किया।
विमल अग्रवाल✍
डी.जी.न्यूज़ डोंगरगढ़